Saturday, December 14, 2019

841. जाति-धर्म तय कर रहे (कुंडलिया)

841. जाति-धर्म तय कर रहे (कुंडलिया)

जाति-धर्म तय कर रहे, किसकी क्या औकात।
उसकी  ऊँची  आबरू,  जिसकी  ऊँची  जात।
जिसकी ऊँची  जाति, निम्न वह  उतना  सोचे।
लंपट  लगा   त्रिपुंड,  देह   बाला   की   नोचे।
जो हैं  धूर्त, गँवार,  हो  रही  उनकी जय-जय।
आज  मान-सम्मान, कर  रहे  जाति-धर्म तय।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
14.12.2019
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