नख़रे मत दिखला अरे, ओ नखरीली नार।
भृकुटी ये खंजरनुमा, होय जिगर के पार।
होय जिगर के पार, तीर सी तेरी चितवन।
ऊपर से मुस्कान, करे है घायल तन-मन।
हाँ करके फिरजाय, बात ये दिल में अखरे।
ओ नखरीली नार, दिखा मत ऐसे नख़रे।
भृकुटी ये खंजरनुमा, होय जिगर के पार।
होय जिगर के पार, तीर सी तेरी चितवन।
ऊपर से मुस्कान, करे है घायल तन-मन।
हाँ करके फिरजाय, बात ये दिल में अखरे।
ओ नखरीली नार, दिखा मत ऐसे नख़रे।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
30.12.2016
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30.12.2016
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