आप यहाँ पर जीवन के विभिन्न पहलुओं पर स्तरीय रचनाएँ पढ़ सकते हैं।
Sunday, October 02, 2016
285. आज समझ में आया होगा (मुक्तक)
आज समझ में आया होगा, इन आतंकवादियों को।
हिंद कुचलना भी जाने है, कायर उग्रवादियों को।
भूल दुबारा जो की इनने, करनी वरण मृत्य होगी।
आँख उठाकर फिर से देखा, जो इन शांत वादियों को।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
*****
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.