Sunday, October 02, 2016

285. आज समझ में आया होगा (मुक्तक)

आज  समझ  में आया  होगा,  इन आतंकवादियों को।
हिंद  कुचलना  भी  जाने  है,  कायर  उग्रवादियों  को।
भूल  दुबारा जो  की  इनने,  करनी  वरण  मृत्य होगी।
आँख उठाकर फिर से देखा, जो इन शांत वादियों को।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
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