कुण्डलिया
जनता क्यों समझे नहीं, अफवाहों की चाल।
जरा-जरा सी बात पर, हो जाती बेहाल।
हो जाती बेहाल, समझ सच क्यों नहिं पाती।
बीस रुपे की चीज, पाँच सौ में ले जाती।
महामूर्ख का काम ठीक से कब है बनता।
अफवाहों को समझ, अरे ओ भोली जनता !
रणवीर सिंह 'अनुपम'
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